Dharmendra Kumar

धर्मेंद्र कुमार

(मार्शल आर्टिस्ट / वुशु कोच)

मेरा नाम धर्मेंद्र कुमार है, मैं वर्तमान में वुशु कोच और दिल्ली राज्य वुशु जज हूँ। सन 1998 से में अपने गुरू श्री अनिल कुमार ध्यानी जी के मार्गदर्शन में मार्शल आर्ट्स का अभ्यास कर रहा हूं।

मैंने कुछ प्रसिद्ध कुंग फू (वुशू प्रतियोगिता) जैसे चांग कुऑन (Changquan), जियान शू (Jianshu), दाऊ शू (Daoshu), गुन शू (Gunshu) और ताईची (Taichi) जैसी पद्धति (शैलियों) को सीखा और अभ्यास किया है। मैंने वर्ष 2001-02 में दिल्ली राज्य वुशू प्रतियोगिताओं में भाग लिया था और विभिन्न वुशू स्पर्धाओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते थे। मैंने कुछ कराटे प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया है।

मैं शाओलिन और विंग चुन कुंग फू पद्धति का भी अभ्यास कर रहा हूं। मैं खुद को एक मार्शल आर्टिस्ट, एक कुंग-फू प्रैक्टिशनर के रूप में देखता हूं .. मैं अभी भी मार्शल आर्ट में नई चीजें सीखने के लिए अभ्यास करता हूं। मैं नई तकनीकों को अपनाना पसंद करता हूं और अपना ख़ुद का भी इज़ाद करना भी पसंद करता हूं।

Judging Participation at Delhi State Wushu Championship 2018

Judging Participation
(दिल्ली स्टेट वुशु चैम्पियनशिप 2018)

Judging at Delhi State Wushu Championship 2018

Judging Participation
(दिल्ली स्टेट वुशु चैम्पियनशिप 2018)

Wushu Judges Seminar 2018

Certified Wushu Coach
(दिल्ली राज्य वुशु न्यायाधीश संगोष्ठी 2018)

Delhi State Wushu Championship 2002

Gold, Silver & Bronze Medalist
(दिल्ली स्टेट वुशु चैम्पियनशिप 2002)

महत्वपूर्ण क्या है?

मैंने मार्शल आर्ट में देखा है कि अधिकांश खिलाड़ी हमेशा कौशल के बजाय बेल्ट और प्रमाण पत्र का पीछा करते हैं।

लेकिन इसके बिल्कुल विपरीत में सभी खिलाड़ियो को कहता हूँ कि

डिग्री और बेल्ट भूल जाओ, … सिर्फ मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस अच्छे से करो। आपकी प्रतिभा आपके डिग्री और बेल्ट की तुलना में अधिक अच्छी पह्चान बनाएगी।

बेल्ट और ग्रेडिंग में फंसने के बजाय मार्शल आर्ट्स को गहराई से सीखना अधिक महत्वपूर्ण है।

 

मार्शल आर्ट का महत्व

मार्शल आर्ट आपके जीवन और आपकी सोच को बदल देता है। यह धैर्य बढ़ाता है और दूसरों के लिए सम्मान बढ़ाता है। यह कड़ी मेहनत के मूल्य को जानने में मदद करता है। मार्शल आर्ट आत्म-अनुशासन को बढ़ाता है और एक संगठित तरीके से काम करने में मदद करता है।

 

कुंगफू बनाम अन्य मार्शल आर्ट्स

मैं हर मार्शल आर्ट का सम्मान करता हूं चाहे यह कराटे, ताइक्वांडो, जूडो, बॉक्सिंग, जिउ जित्सु या कोई अन्य प्रसिद्ध मार्शल आर्ट हो।

मैं इनमें से प्रत्येक मार्शल आर्ट का सम्मान करता हूं क्योंकि इनमें कुछ विशेष गुण हैं, कि जिसके कारण ये कलाएं अभी भी मौजूद हैं और दुनिया भर में प्रचलन में हैं।

एक कुंगफू खिलाड़ी के रूप में मैंने पाया है कि कुंगफू अन्य मार्शल आर्ट की तुलना में अधिक गहराई से अभ्यास करने के लिए बनी है।

मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि कुंगफू एक बहने वाली कला है, यह हवा की तरह बहती है, यह पानी की तरह बहती है … यह हमें प्रकृति से जोड़ती है।

कुंगफू शैलियाँ (रूप) प्रकृति और पृथ्वी पर जीवित चीजों (जैसे मानव, पक्षी, कीड़े और जानवर) से ली गई हैं। कुंगफू अन्य मार्शल आर्ट से भी अलग है क्योंकि “कुंगफू” शब्द का अर्थ है लगातार अभ्यास और सालों का अभ्यास। एक सच्चे कुंगफू मास्टर बनने के लिए वर्षों का अभ्यास लगता हैं।

अन्य मार्शल आर्ट्स की तुलना में कुंग फू में असीमित शैली और अवसर हैं।

कुंग फू मार्शल आर्ट्स का एक विस्तृत रूप है।

 

कुंग फू स्कूल खोलने का कारण

शुरुआत में मेरी कुंगफू सिखाने की कोई योजना नहीं थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मैंने इस क्षेत्र में कुछ करने के लिए महसूस किया है क्योंकि कुछ चीजें हैं जो मुझे लगातार परेशान कर रही हैं।

निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जिन्होंने मुझे अपना कुंगफू स्कूल शुरू करने के लिए प्रेरित किया:

1. यह पहला कारण जिसने मुझे बहुत परेशान किया है, जब मैं नकली (FAKE) मार्शल आर्टिस्ट को देखता हूं। मैंने देखा है कि भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी कई नकली मार्शल आर्टिस्ट हैं, जो कुंगफू के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। जिन्हें या तो कुंगफू का कोई ज्ञान नहीं है या वे अप्रशिक्षित हैं और कुंगफू के नाम पर गलत बातें सिखा रहे हैं। ये नकली मार्शल आर्ट्स कलाकार हैं, जो खुद को “शिफू”, “मास्टर” और “ग्रैंड मास्टर” भी कहते है। इनमें से कुछ लोग, छात्रों और उनके माता-पिता को आकर्षित करने के लिए नकली प्रमाण पत्र, डिग्री और संबद्धता ले रहे हैं। इन नकली मार्शल कलाकारों का मुख्य उद्देश्य मार्शल आर्ट को एक कला के रूप में लेने के बजाय एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में उपयोग करना है।

2. दूसरा मुख्य कारण यह है कि अधिकांश मार्शल आर्ट्स स्कूल अपने छात्रों से बहुत अधिक शुल्क (फ़ीस) ले रहे हैं, जिसे हर छात्र भुगतान करने में सक्षम नहीं है। मार्शल आर्ट के कुछ स्कूल हर महीने हजारों रुपये प्रशिक्षण शुल्क के रूप में ले रहे हैं। और बेल्ट ग्रेडिंग और प्रमाण पत्र के नाम पर भी हजारों रुपये ऐंठते हैं। मैं इन फीसों के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मैं इस बात के खिलाफ हूं कि जब वे इतनी बड़ी-बड़ी फीस ले रहे हैं, तो भी वे छात्रों को गलत तकनीक और फॉर्म सिखा रहे हैं। यह ठीक नहीं है। छात्रों के भविष्य के साथ न खेलें।

3. तीसरा मुख्य कारण यह है कि कुछ दूर-दराज के इलाकों, गाँवों और छोटे शहरों में आज भी मार्शल आर्ट्स स्कूल उपलब्ध नहीं हैं। मेरा उद्देश्य है कि मैं उन तक भी मार्शल आर्ट को पंहुचा सकूँ। ताकि उन्हें भी दुनिया को अपनी क्षमता अनुसार सीखने और अपना कौशल दिखाने का समान अवसर मिले।

 

मेरा लक्ष्य

मेरा उद्देश्य बहुत स्पष्ट है, मैं हर उस व्यक्ति को मार्शल आर्ट का सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्रदान कराना चाहता हूँ जो मार्शल आर्ट सीखने के लिए तैयार है। मैं उस ज्ञान को साझा करना चाहता हूं जो मैंने पिछले 20 वर्षों में कुंगफू सीखने से अर्जित किया है।

“बांटना, प्यार करने के समान है ” ऐसा मेरा मानना है।

 

भविष्य की योजनाएं

मेरे पास मार्शल आर्ट में भविष्य की बहुत सारी योजनाएं हैं। लेकिन मैं इस समय यहां चर्चा नहीं करना चाहता। मैं अपनी योजनाओं को वास्तविकता में बदलकर प्रकट करूंगा। तो इंतज़ार कीजिये 🙂

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